भारत मे आजकल इनवेस्टमेंट के बारे मे बहोत बाते हो रही है। कई लोग शेयर बाजार मे निवेश करते है, तो कई लोग म्यूचुअल फंड मे निवेश करते है। लेकिन कई लोग अभी भी शेयर बाजार और Mutual fund मे निवेश करने से डरते है। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से यह जानेंगे की म्यूचुअल फंड क्या है? (What is Mutual fund in Hindi?) और म्यूचुअल फंड कैसे कार्य करता है। और Mutual fund मे निवेश करने के कितने तरीके है? ये सभी मुख्य पॉइंट को आज हम विस्तार रूप से जानने की कोशिश करेंगे। आपने कहीना कही Mutual fund का नाम तो सुना ही होगा। Mutual fund निवेश का सबसे लोकप्रिय तरीका है।
आप में से कई लोग जानते होंगे कि म्यूचुअल फंड क्या हैं। लेकिन आज भी हमारे देश मे Mutual fund को बहुत से लोग नहीं जानते और उसी वजह से वे निवेश करना चाहते हैं लेकिन सही जानकारी के अभाव में उन्हें निवेश करना नहीं आता। क्या आपने कभी गोर किया है कि आपके पैसे की वैल्यू साल दर साल समय के साथ घटती जाती है? इसका कारण महंगाई है, इस महंगाई से बचने के लिए लोग अपना पैसा कहीं न कहीं निवेश करते हैं जैसे की सोना, बचत खाता (FD), रियल एस्टेट, शेयर मार्केट, और म्यूचुअल फंड आदि।
वर्तमान में म्यूचुअल फंड इन सभी मे लोकप्रिय माने जाते हैं। शायद ही कोई दूसरा निवेश आपको वह रिटर्न दे सकता है जो आपको म्यूचुअल फंड में देते हैं। इससे पहले आइए म्यूचुअल फंड के इतिहास के बारे में थोड़ा जान लेते हैं। भारत में म्यूचुअल फंड की शुरुआत 1964 में UTI ने की थी। उसके बाद इस निवेश योजना में कई कंपनियां आईं, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आज पूरे भारत में 44 से ज्यादा Mutual Fund House [AMCs] कार्यरत हैं। और हर म्यूचुअल फंड के कई अलग-अलग प्लान होते हैं।
म्यूचुअल फंड क्या है? | What is Mutual fund?
म्यूचुअल फंड का मतलब है सामूहिक निवेश। Mutual fund में केवल आप ही निवेश नहीं करते हैं, बल्कि कई लोग निवेश करते हैं। कई निवेशकों का छोटा-बड़ा अमाउन्ट को इकठा करके म्यूचुअल फंड योजनाओं में जमा किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह रहता की वे अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देना है.
आसान शब्दों में कहें तो Mutual fund कई अलग-अलग निवेशकों से जुटाए गए पैसे हैं, जिसे हम एक बकेट बोल सकते है। और यह पैसा फंड मैनेजर के द्वारा अलग-अलग जगहों पर निवेश किया जाता है, और इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने का विकल्प देता है। Mutual fund एक ऐसा बकेट है जिसमें छोटे-बड़े सभी निवेशकों का पैसा जमा किया जाता है। और फिर बड़े अमाउन्ट को शेयर बाजार, बांड, money market के उपकरणों आदि में निवेश किया जाता है।
म्यूचुअल फंड कैसे कार्य करते हैं?
अब हम यह समझ गए हैं कि म्यूचुअल फंड क्या है? तो अब हम यह समझते हैं कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि म्यूचुअल फंड भी शेयर बाजार का ही एक हिस्सा है। हम सभी शेयर बाजार में सीधे निवेश नहीं कर सकते हैं। क्योंकि सीधे शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको निश्चित रूप अधिक समय और रिसर्च दोनों की आवश्यकता होती है। और जब आप न तो रिसर्च कर सकते हैं और न ही समय निकाल सकते हैं, तो आप सीधे शेयर बाजार में निवेश नहीं करना चाहिए, क्यूकी शेयर मार्केट मे एक गलत फैसले से आप अपना कैपिटल को खो सकते है।
आम तौर पर, हम में से बहोत लोग ऐसे निवेशों की ओर आकर्षित होते हैं जिनमें कोई और उनके लिए अपने पैसे का सही से प्रबंधन करे। और ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लान में म्यूचुअल फंड को सबसे अच्छा माना जाता है। Mutual fund में आपके पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने वाले पेशेवर मनी मैनेजर होते हैं, फंड मैनेजर आपके पैसे को सही जगह पर लगाकर आपके पैसे को बढ़ाने की कोशिश करते है। म्यूचुअल फंड हाउस छोटे और व्यक्तिगत निवेशकों को फंड मैनेजर प्रदान करते हैं, वह भी बहुत कम कीमत पर। म्यूचुअल फंड की अलग-अलग स्कीमों में हर कोई अपने रिस्क के हिसाब से निवेश कर सकता है।
और सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं में प्रत्येक निवेशक अपने निवेश के अनुसार लाभ और हानि को समान रूप से बाँट रहा है। म्यूचुअल फंड विभिन्न प्रकार की मुद्राओं में अलग-अलग मात्रा में निवेश करते हैं, जिससे फंड मैनेजर द्वारा जोखिम को अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित करके कम किया जाता है। जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो निवेश राशि का निर्धारण यूनिट के आधार पर किया जाता है। यूनिट का मतलब NAV (नेट एसेट वैल्यू) है, NAV (Net asset value) के आधार पर म्यूचुअल फंड खरीदे और बेचे जाते हैं। वर्तमान में आप जितना पैसा निवेश करते हे तो करंट NAV के आधार उतनी ही यूनिट आपके खाते (folio) में जमा होती है।
म्यूचुअल फंड के प्रकार।
आज भारत मे कई म्यूचुअल फंड हाउस [AMCs] हे, हर म्यूचुअल फंड हाउस के कई प्रकार प्लान होते है। लेकिन नीचे बताई गई सूची मे भारत के लोकप्रिय म्यूचुअल फंड प्लान हैं।
- Equity funds
- Debt funds
- Index funds
- Balanced funds
- Hybrid funds
- Fund of funds
- Money market funds
- Income funds
- Specialty funds
म्यूचुअल फंड में निवेश के प्रकार।
दोस्तों म्यूचुअल फंड में दो तरह के प्लान होते है एक डायरेक्ट प्लान और दूसरा रेगुलर प्लान।
1. प्रत्यक्ष योजना (Direct plan):
डायरेक्ट प्लान वह होता है जिसमें निवेशक और म्यूचुअल फंड हाउस के बीच कोई एजेंट या कोई तीसरा पक्ष न हो। जब आप डायरेक्ट प्लान से निवेश करते हैं तो उसमें एक्सपेंस रेश्यो कम होता है। जो आपके लॉन्ग टर्म के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
2. नियमित योजना (Regular plan):
जब आप किसी एजेंट या थर्ड पार्टी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यह एक रेगुलर प्लान होता है। जिसे आपको डायरेक्ट प्लान से ज्यादा एक्सपेंस रेशियो High expense चुकाना पड़ता है। और यह high expense आपको Return के संदर्भ में बहुत कम लगता है लेकिन लंबी अवधि के निवेश में बहुत बड़ा अंतर डालता है।
“मेरी राय है यह कि हमे म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करना चाहिए।”
म्यूचुअल फंड में निवेश के विकल्प।
म्यूचुअल फंड हम दो प्रकार से निवेश कर सकते है। 1. SIP और 2. lump sum चलिए दोनों प्रकार की विस्तार से जानते है।
SIP (सीप):
पहला तरीका हे, SIP पूरा नाम Systematic investment plan (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) हैं। जिसमें आप एक निश्चित अंतराल पर एक म्यूचुअल फंड स्कीम में एक निश्चित राशि (उदाहरण: 1000 या 500) निवेश कर सकते हैं। यह समय अंतराल 15 दिन, एक महीना या एक चौथाई हो सकता है। SIP के जरिए आप अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकते हैं। अगर आसान भाषा मे कहे तो इस तरीके को आप बैंक के रेकरिंग डिपॉजिट के तौर पर समझ सकते हैं, जिसमें आप अछे अमाउन्ट के लिए लगातार पैसे जमा करते रहते हैं. और Sip से आप चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाते हैं।
Lump-sum (एकमुश्त):
दूसरा तरीका एकमुश्त राशि है, इसमें आपको SIP की तरह हर महीने पैसा नहीं लगाना है। इसमें आप एक बार में बड़ी रकम निवेश कर सकते हैं। Lump sum amount को आप बैंक की FD (Fixed deposit) की तरह भी समझ सकते हैं। लेकिन यहा FD से थोड़ा विपरीत होता है, यहा भी चक्रवृद्धि ब्याज का आनंद ले सकते है।
लेकिन Lump sum amount का निवेश करते समय आपको रिसर्च करना बहोत जरूरी है, क्योंकि बाजार की अस्थिरता के साथ, म्यूचुअल फंड का NAV भी बढ़ सकता है, और घट सकता है, इसलिए इस स्थिति में आपके लिए चयन करना बहुत मुश्किल है। अगर अपने सही समय चयन करके निवेश किया तो ही अप अच्छा रिटर्न की अपेक्षा रख सकते है।
म्यूचुअल फंड का प्रबंधन कौन करता है?
म्यूचुअल फंड को फंड मैनेजरों द्वारा संचालित की जाता हैं। और म्यूचुअल फंड हाउस अपनी जरूरत के हिसाब से फंड मैनेजर को हायर करते हैं. अगर आसान शब्दों में कहें तो फंड मैनेजर किसी भी डिग्री, जेसे की बिजनेस स्टडीज, मैनेजमेंट, स्टैटिस्टिक्स, फाइनेंस, मैथ, अकाउंटिंग या इकोनॉमिक्स जैसे एमबीए या इसी तरह की प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन के जरिए मददगार हो सकती है।
दोस्तों जैसा कि हम पहले भी जान चुके हैं कि Mutual fund एक एसा बकेट है जिसमें निवेशकों का पैसा रखा जाता है। इस बकेट में पैसा फंड मैनेजर द्वारा अलग-अलग जगहों जैसे शेयर बाजार, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स आदि में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड में जमा धन का प्रबंधन और सही जगह पर निवेश करना फंड मैनेजरों की जिम्मेदारी होती है। फंड मैनेजर म्यूचुअल फंड के लक्ष्यों के अनुसार अपने निवेशकों के लिए लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड की योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि यह निवेशकों के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
म्यूचुअल फंड का नियमन कौन करता है?
म्यूचुअल फंड को Securities and Exchange Board of India (SEBI) द्वारा विनियमित होते हैं। जेसे शेयर मार्केट को SEBI नियमन करता है, ठीक उसी तरह सभी फंड हाउसों को SEBI नियंत्रित करता है, ताकि निवेशकों के साथ धोखाधड़ी को रोका जा सके। और इस प्रकार Mutual fund में निवेश करना सुरक्षित रहता है।
म्यूचुअल फंड के शुल्क (Expense ratio) क्या हैं?
हमे कहीं भी निवेश करने से पहले उनकी फीस और खर्च के बारे में पता होना चाहिए। और म्यूचुअल फंड में भी आपको इसके खर्च और शुल्क के बारे में पता होना चाहिए। एक Mutual fund अपनी सेवाओं के बदले में आपसे कुछ राशि Expense ratio के रूप में लेता है। और यह Expense ratio आपके पोर्टफोलियो को संभालने और फंड मैनेजर के वेतन के रूप में जाता है। ये expense ratio 0.25 से 2% तक है। हर म्यूचूअल फंड प्लान के हिसाब से expense ratio काम और ज्यादा होते हे। यह बात का ध्यान रखे की म्यूचुअल फंड के NAV की गणना सभी खर्चों को घटाकर ही की जाती है।
म्यूचुअल फंड का मूल्य (NAV) कैसे निर्धारित किया जाता है?
किसी भी म्यूचुअल फंड प्लान के मूल्य की गणना वर्तमान NAV के आधार पर प्रति यूनिट के आधार पर की जाती है। संपूर्ण पोर्टफोलियो में प्रतिभूतियों (Securities) के वर्तमान मूल्य को कुल बकाया शेयरों से विभाजित करके NAV निकाला जाता है। और ये बकाया शेयर कई व्यक्तियों, जैसे शेयरधारकों, संस्थागत निवेशकों और कंपनी के अधिकारियों के पास हो सकते हैं। म्यूचुअल फंड का मूल्य शेयर की तरह बाजार के घंटों के दौरान नहीं बदलता है। इसके मूल्य की गणना ट्रेडिंग दिवस की समाप्ति के बाद NAV के आधार पर की जाती है।
यह भी पढे,
- NAV क्या है? जाने विस्तार से।
- Share market क्या है? जाने हिन्दी मे।
- Demat account को समजे आसान भाषा मे।
म्यूचुअल फंड मे निवेश कैसे करें?
आज के समय में Mutual fund में निवेश करना बहुत ही सामान्य हो गया हैं। म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से ही निवेश करने की सुविधाए उपलब्ध हैं। Mutual fund में निवेश शुरू करने के लिए आपके पास में पैन कार्ड, आधार कार्ड और एक बैंक अकाउंट होना जरुरी हैं। निवेश शुरू करने के लिए आप सीधे Mutual fund house (AMCs) की अफिशल वेबसाइट मे login करके शुरुआत कर सकते हे, या अप किसी एजेंट के माध्यम से भी निवेश कर सकते हे, लेकिन उस स्थिति मे सायद आपको ज्यादा charges (Expense ratio) देना पड़े, क्योंकि वो Reguler plan होते हैं।
सबसे आसान तरीका यह हे की आप एक Demat and Treding Account open करले, जिससे आप सीधे शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। Demat account आप कोई भी Discount broker के साथ ओपन कर सकते है, इससे आपके दो लाभ हो जाएंगे और आपको ज्यादा शुल्क भी नहीं देना अपड़ेगा और आप Mutual fund के Direct plan मे निवेश कर पाएंगे। नीचे बताई गई सूची भारत के top stock broker list हे, जहा आप शेयर मार्केट और म्यूचूअल फंड दोनों मे निवेश कर सकते हे।
- Zerodha
- Upstox
- Angel Broking
- Groww
- ICICI Direct
- 5paisa
- HDFC Securities
- Motilal Oswal
- IIFL Securities
- Sherkhan
निष्कर्ष:
भारत अभी बहुत विकास के चरण में है। और आने वाले कुछ वर्षों में और भी तेजी से बढ़ने की संभावना है। आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किसी विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसमें आपका पोर्टफोलियो विशेषज्ञों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
अब जब हम म्यूचुअल फंड को सही तरह से समझ गए है तो आपके मन में यह सवाल जरूर होगा की आप म्यूचुअल फंड में कितने पैसो से निवेश की शुरुआत कर सकते है ? म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसमें छोटी राशि से शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें आप सिर्फ ₹500 प्रति माह के साथ SIP (सीप) शुरू कर सकते हैं। जो आपको लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सकता है। और इतना ही नहीं, वर्तमान समय में कई AMCs (एसेट मैनेजमेंट कंपनियां) ₹100 से अधिक के म्यूचुअल फंड में SIP का विकल्प देती हैं। और इस प्रकार का म्यूचुअल फंड निवेशकों को आकर्षित करता है।
यहा फंड मैनेजर हमारे पोर्टफोलियो के लिए सही स्टॉक और अन्य सिक्योरिटीज का चुनाव करते हैं, जो हमें आने वाले समय में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। म्यूचुअल फंड विभिन्न प्रकार के शेयरों और Securities में निवेश करते हैं, जिससे हमारे पोर्टफोलियो में विविधता बनी रहती है। और इसलिए हमें बिना किसी झिझक के म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। आप जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे उतना ही आपको फायदा होगा।
मेरे हिसाब से अगर आपकी उम्र 20 से 25 के बीच है तो आपको कम से कम थोड़ी सी रकम में SIP (सीप) शुरू कर देना चाहिए। और अगर आप सीधे शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं तो भी आपको कुछ राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करनी होगी। जिसे आप अपने जोखिम को कम कर सकें।
नोट: दोस्तों, मैं आपको सही जानकारी प्रदान कर रहा हूं, लेकिन कोई भी निवेश करने से पहले आपको उस निवेश योजना के बारे में सभी जानकारी स्वयम प्राप्त करनी चाहिए। ना की किसी के टिप या कहने पर।
यह Article को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद,
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
म्यूचुअल फंड्स क्या है?
आसान शब्दों में कहें तो Mutual funds कई अलग-अलग निवेशकों से जुटाए गए पैसे हैं, जिसे हम एक बकेट बोल सकते है। और यह पैसा फंड मैनेजर के द्वारा अलग-अलग जगहों पर निवेश किया जाता है, और इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने का विकल्प देता है। म्यूचुअल फंड एक ऐसा बकेट है जिसमें छोटे-बड़े सभी निवेशकों का पैसा जमा किया जाता है। और फिर बड़े अमाउन्ट को शेयर बाजार, बांड, Money market के उपकरणों आदि में निवेश किया जाता है।
Mutual fund कैसे काम करता है?
Mutual fund में पैसा फंड मैनेजर द्वारा अलग-अलग जगहों जैसे शेयर बाजार, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स आदि में निवेश किया जाता है। Mutual fund में जमा धन का प्रबंधन और सही जगह पर निवेश करना फंड मैनेजरों की जिम्मेदारी होती है। फंड मैनेजर म्यूचुअल फंड के लक्ष्यों के अनुसार अपने निवेशकों के लिए लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड की योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि यह निवेशकों के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
म्यूचुअल फंड के शुल्क कितने है?
Mutual fund अपनी सेवाओं के बदले में आपसे कुछ राशि Expense ratio के रूप में लेता है। और यह Expense ratio आपके पोर्टफोलियो को संभालने और फंड मैनेजर के वेतन के रूप में जाता है। ये expense ratio 0.25 से 2% तक है। हर म्यूचूअल फंड प्लान के हिसाब से expense ratio कम और ज्यादा होते हे।
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
Mutual fund मे निवेश करना बहोत ही आसान है। Mutual fund मे आप सीधे बैंक से निवेश कर सकते है या आप एक डिस्काउंट ब्रोकर के पास Demat account open करके निवेश कर सकते है। Demat account से निवेश करने के कई लाभ हे, जिसमे मुख्य लाभ यह की आप इसे ट्रेक कर सकते है।
कितने प्रकार के Mutual fund होते है?
भारत मे Mutual fund मुख्य प्रकार: Equity funds, Debt funds, Index funds, Balanced funds, Hybrid funds, Fund of funds
वेसे तो और भी कई प्रकार के म्यूचूअल फंड होते है, लेकिन ये मुख्य प्रकार के फंड हे जिसमे लोग निवेश करना पसंद करते हे।
Mutual fund में निवेश के कितने विकल्प है?
भारत मे Mutual fund मे निवेश करने के दो विकल्प है, 1, SIP और 2, Lump-sum.